Impact of social media

“we live in an age where there is a firehose of Information and there is no hierarchy of what is important and what is not.”

सोशल मीडिया एक ऐसी चीज़ है जिसका उपयोग करके हम अच्छी चीज को बढ़ावा दे सकते हैं औऱ गलत चीज़ों पर रोक लगवा सकते हैं । पर क्या आपको लगता हैं हम लोग सोशल मीडिया का सही से उपयोग करते हैं ? इसका उत्तर हाँ भी हो सकता है और ना भी । आइये जानते हैं कैसे ?

अगर हम हाँ कहे तो इसका उत्तर शुरू यहाँ से होगा :-
हाल ही हमने देखा कि फ़ूड ब्लॉगर गौरव वसान ने कैसे एक भजुर्ग जोड़ी कांता प्रसाद और उनकी पत्नी भूमिदेवी के बाबा का ढाबा का एक वीडियो पोस्ट किया । औऱ वो वीडियो रातभर में वायरल हो गई जिससे उनकी जिंदगी ही बदल गई ।
दूसरा हमने देखा शुशांत सिंह राजपूत का केस जिसमे सोशल मीडिया के द्वारा पेटेशन फाइल करने पर CBI जांच की मांग को स्वीकार कर लिया गया ।
Me too की शुरुआत अमेरिकी सिविल राइट्स एक्टिविस्ट तराना बर्क ने की थी। 15 अक्टूबर 2017 को जब यौन हिंसा के खिलाफ #MeToo अभियान शुरू हुआ । जिसमे देखा गया सोशल मीडिया के द्वारा बहुत सारी महिलाओं ने सेक्सुअल हैरेसमेंट के अगेंस्ट आवाज उठाई थी जिसमें फ़िल्म इंडस्ट्री के भी बहुत कलाकारों का नाम शामिल हुआ था ।

अगर हम बात करे सोशल मीडिया के गलत उपयोग की तो इसकी शुरुआत हम एक बहुत बड़े issue से करेंगे :-

जसलीन कौर केस — 2015 का एक केस हैं जिसमे दिल्ली की रहने वाली एक लड़की जसलीन कौर ने सर्वजीत नाम के लड़के का उसके बाइक के साथ pic ली और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया , सेक्ससुअल हैरेसमेंट के लिए । औऱ ये पोस्ट रातभर में वायरल हो गया । सब बिना कुछ सोचे उस लड़की के फ़ेवर में आवाज उठाने लगे और यह तक कि हमारे न्यूज़ चैनल ने उस लड़के को दिल्ली का दरिंदा तक बुलाने लगे । औऱ अगले दिन उस लड़के को पुलिस ने अरेस्ट भी कर लिया । 4 साल तक केस चलता रहा और 2019 में उस लड़के को इंडियन कोट ने इनोसेंट बोला औऱ लड़की की ही गलती थी ये बताया। औऱ ये भी कहा की उसने सोशल मीडिया का गलत तरीके से उपयोग किया है ।
अभी हाल ही में फिर से सोशल मीडिया का गलत उपयोग देखने को मिला है । कैप्टन धोनी के केस में :- आईपीएल मैच में हारने के बाद धोनी को उनके सोशल मीडिया id पर उनकी बच्ची ज़ीवा का रेप करने की धमकियां आने लगी थी । माना कि जो लड़का धमकी दे रहा था अब वो पुलिस द्वारा पकड़ा गया है वह एक 16 वर्ष का लड़का हैं जो एक फेक id बना कर ये सब कर रहा था ।
अगर हम बात करे फेक id की तो इस टाइम ऑनलाइन चलेने वाले क्लास के कारण बहुत बच्चे मोबाइल यूज़ कर रहे हैं और उसका गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं । ऐसे ही एक केस देखा गया जब अहमदाबाद की क्लास 7 की 12 वर्षीय लड़की ने अपने फेक एकाउंट बनाकर उसपर अपनी एक फोटो अपलोड की । जब इसके बारे में स्कूल वालो ने उसके माता पिता को बताया तो वह यकीन नही कर पाए कि ये उनकी बेटी ने ऐसा किया है ।

सोशल मीडिया एक ऐसी चीज़ है जिसका सही और गलत दोनों तरह से उपयोग किया जा सकता है । तो कोई भी न्यूज़ को वायरल करने से पहले उसकी जांच अवश्य करे और सिर्फ अच्छी चीज़ों को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे , रही बात छोटी उम्र के बच्चों के मोबाइल फोन के द्वारा सोशल मीडिया के गलत उपयोग या फेक एकाउंट बनाने की तो इसकी जांच के लिए बहुत एप्प बने हैं औऱ आगे भी सोशल मीडिया को गलत उपयोग किये जाने पर औऱ कड़े नियम लगाया जाएगा ।

-by Jayabala Khushwaha

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