आज हम बात करने वाले हैं रेप जैसे एक बड़े और गम्भीर मुद्दे पर । भारत मे रेप के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं । कहने के लिए तो कानून बना हुआ है , महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए बहुत सारे हेल्पलाइन नंबर मौजूद हैं फिर भी प्रत्येक 16 मिनट में एक रेप हो रहा है । ऐसा नही है कि ये रेप केवल मेट्रो सिटी में ही देखने को मिलते हैं अब तो ये रेप केस के आंकड़े गांव में भी बढ़ते हुए नज़र आने लगे हैं ।।

रेप केस में सबसे बड़ा मामला 16 दिसम्बर 2012 में देखा गया जो दिल्ली का निर्भय कांड कहलाया । उसके बाद देश मे कानून बहुत ही शक्त हुआ , लगा था कि उसके बाद ये रेप के आंकड़े कम हो जाएंगे लेकिन नही ऐसा कुछ नही हुआ जब तक उस केस में पाए जाने वाले दोषियों को सजा हुई तब तक देश मे ऐसे बहुत सारे गैंगरेप देखने को मिल गए थे ।
2109 के आंकड़े के मुताबिक अकेले उन्नाव में 86 बलात्कार के मामले देखने को मिले , इसी कारण इसे उत्तर प्रदेश की बलात्कार की राजधानी बना दिया गया था । कोविड 19 जैसी महामारी के बीच भी अपराधी अपराध करने से पीछे न रहे , इस माहमारी के बीच भी हमे बहुत सारे रेप के मामले देखने और सुनने को मिले।
मामलों
12 मार्च को इसी साल 9 वर्षीय लड़की को क्रूरता से बलात्कार के बाद अन्नाओ के खेतों में खून बहता रहा और कानपुर के अस्पताल में जाते जाते उसकी मौत हो गई । यह कोई एक मामला नही था जो ऐसे महामारी के बीच देखने को मिला था ऐसे औऱ भी केस थे जो देखने को मिले जैसे – 17 अप्रैल को एक बलात्कार का मामला सामने आया तो वही दूसरी ओर 29 अप्रैल को एक नया बलात्कार का केस देखने को मिला , 17 मई को औऱ एक बलात्कार का मामला सामने आ गया । ऐसे एक नही हज़ारो केसेस होंगे जो महिलाओं और लड़कियों के ऊपर हो रहे दुष्कर्म को दिखाते हैं औऱ इनमे से कितने ऐसे भी केस होंगे जो अभी तक रिपोर्ट में दर्ज भी नही हुए होंगे । अभी हाल ही में हाथरस , बलमपुर में एक गैंगरेप देखने को मिला जिसकी जांच अभी तक चल रही हैं ।
जहाँ एक ओर हमारे देश मे आगे बढ़ने की बात की जा रही हैं वही दूसरी ओर हमारा देश अभी भी पिछड़ा हुआ है , जहाँ एक ओर पीड़िता के परिवार वाले सरकार से इंसाफ की गुहार लगाते रह जाते है वही दूसरी ओर एक औऱ अपराध जन्म ले चुका होता हैं
आखिरकार क्यो इतने रेप हो रहे हैं क्या वजह है इसके पीछे , क्यो इंसानियत औऱ मानवता दिन प्रतिदिन खोती जा रही हैं । इन सब चीजो का कारण क्या है ?
इसके पीछे की एक बड़ी वजह है शिक्षा………
हम अपने लड़कियों को तो सब चीज़ सीखा देते हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नही , कैसे रहना चाहिए और कैसे नही । पर क्या हम अपने लड़के को ये सीखा नही पाते हैं कि लड़कियों की इज़्ज़त करनी चाहिए।
हाँ , नही सीखा पाते है क्योकि ये तो कल्चर जैसा बन गया कि लड़कियां तो सहने के लिए बनी है …. इसको एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं ….. जैसे बचपन मे लड़के जब रोते हैं तो उनसे कहा जाता हैं कि लड़कियों के तरह क्यो रो रहे हो ….. मर्द बनो मर्द
बस यही से हम उनको ये बता देते है कि रोती तो लड़कियां हम लड़के नही ऐसे कई छोटे बड़े किस्से हैं जिससे ये भूमिका औऱ ऐसी सोच तैयार होती हैं जहाँ लड़को को लड़की के साथ किया गया दुष्कर्म , दुष्कर्म नही लगता हैं क्योंकि उनकी पृष्ठभूमि ही ऐसी बनी रहती जो इनको कभी नही बताती की ये जो कर रहे हैं वह गलत है।
अगर हमसब को ये रेप केस कम करने या खत्म करने हैं तो हमे अपने लड़की के साथ साथ लड़को को भी सही दिशा में शिक्षा देना होगा और उन्हें लड़कियों की इज़्ज़त करना सीखना होगा । क्या गलत है और क्या सही ये बताना होगा ।
रेप केस को कम करने के लिए एक और काम है जो किया जा सकता है , अपनी लड़कियों को सेल्फ़ डिफेन्स सीखा कर । अगर ऐसा हो कि हर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लड़कियों के लिए एक अलग सेल्फ डिफेन्स की एक अनिवार्य क्लास चलाई जाए जिससे हर वर्ग की कन्या को सेल्फ डिफेंस सिखया जाए तो इससे लड़कियां और आत्मनिर्भर बन सकती हैं उसमें इनको ये सिखाया की यदि ये वो ऐसे परिस्थिति में पड़ी तो खुद को या किसी औऱ लड़की को कैसे बचा सकती हैं । इसके अलावा लड़को को सेल्फ कंट्रोल भी सीखना ज्यादा जरुरी हैं । जिनसे ये रेप के मामले ओर कम हो सकते हैं ।।
हमने यहाँ पर रेप केस कितने हुए औऱ इनके पीछे की वजह औऱ इनको कम करने पर बात की है , कि क्या क्या तरीका है इनको कम करने के ।
तो चलिए आइये हमसब साथ मिल के ये कदम उठाते हैं क्योंकि अगर हम इस गम्भीर मुद्दे पर एक साथ आवाज उठाएंगे तभी हम इसको जड़ से ख़त्म कर सकते हैं नही तो हर एक 16 मिनट पर हमारी बहन और बेटियां इस अपराध की शिकार होती ही रहेंगी ।।
“बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ” के नारे के स्थान पर “लड़के पढ़ाओ औऱ लड़के को लड़कियों की इज़्ज़त करना सिखाओ” करते हैं ।।
धन्यवाद 🙏
लेखक – जयाबाला कुशवाहा
Speak Up here and we will help you – Speak UP
Not just us but there are many other organizations to help the victims – Click here to know more